Friday, October 30, 2009

आदरणीय भाईसाहब
सादर चरण स्पर्श
एक कहावत है खरबूजे को देख कर खरबूजा रंग बदलता है, आपको अपने सामने पाकर जिस खरबूजे का रंग विशेष रूप से उभर कर सामने आता है उसका इंसानी नाम राजू श्रीवास्तव है, चाहे वो पैंट पहने हो या निक्कर या फिर मात्र तौलिया ही लपेटे-लपेटे कन्फ़ैशन रूम में पेश हों, इस शो में अगर आपके बाद किसी अन्य शख्स का नाम कुछ मायने रखत्ता है तो इसमें शक नही कि वह नाम हंसी के इस जादूगर का ही हो सकता है, शायद मेरे अतिरिक्त सभी दर्शक चाहते ही नही पर जानते भी होंगें कि इस प्रोग्राम का विजेता पहले ही तय हो चुका है, राजू बाकी सदस्यो से मीलों आगे है, उनकी कहानी कुछ कुछ सत्तर के दशक में आपकी सफलता जैसी है पहले तीन स्थान पर आप रहते थे बाद में कोई अन्य, मेरी बिग बॉस विजेता की फेहरिस्त में पहले तीन स्थान राजू श्रीवास्तव को जाते हैं यह अलग बात है कि किसी अन्य कारणों से अगर उन्हे यह प्रोग्राम छॊड़कर जाना पड़ा तो कह नही सकता कि विजय क सेहरा किस के सिर पर बंधे ।

हां, मै यह अवश्य कह सकता हूं कि किन किन लोगों का जल्दी ही घर के बाहर कदम पड़ने वाले है – मेरे हिसाब से अगले तीन हफ़्तों में जिन तीन लोगों का नमांकन होने की अधिक उम्मीद है उनमें अदिति, रोहित तथा विन्दु के नाम हो सकते है, यहां मेरा यह तात्पर्य कतई नही है कि ऎसा हर हाल में होना ही होना है, मेरे पास ना तो कोई चिट्ठी वांचने वाला तोता ही है, ना ही मझे कोई कुंडली ज्ञान है और हाथ देखने का सिलसिला मैने आज से पंदरह बरस पहले ही छोड़ रखा है ( कोई भी भाई अपने ही बड़े सगे भाई का हाथ देखकर उसकी हत्या की भविष्यवाणी करे और उसकी भविष्यवाणी आखिर सत्य साबित हो जाये और कर भी क्या सकता है मेरे पास और कोई चारा ही नही बचता) । खैर छॊड़िये अगाये-बगाये आलोक दा को मै यूं ही याद कर- करके उनके साथ नाइंसाफी नही कर रहा तो क्या कर रहा हूं ।

मेरा जल्द ही प्रयास रहेगा कि हम लोग अलादीन से मिल आयें, कुछ एक इच्छायें उसके सामने रख सकें, वैसे अपने लिये मुझे कुछ भी नही मांगना है, जीनी से इतनी ही प्रार्थना है कि विश्व में सदियों शांति और भाईचारे का आलम बना रहे, आप से यह अनुरोध सदा हि रहेगा कि आप परमाणु अस्त्र-शस्त्रों से दुनिया को निजात दिलाने में कोई ना कोई भूमिका अपने लिये अवश्य ही सुनिश्चित कर लें । हां एक बात और मै आप पर इस तरह का कोई भी कार्य थोपना नही चाहता जो आपको सहर्ष स्वीकार्य न हॊ, अगर आप समझते है कि दुनिया का विकास परमाणु बमों में ही निहित है मै अपने अनुरोध की अस्वीकति को अन्याय का नाम कतई नही दूंगा । आपको क्या करना है और क्या नही यह आप से बेहतर कोई कैसे जान सकता है । मै शून्य में विलीन प्राणी कैसे आपसे हठ कर सकता हूं मै कोई बच्चा नही कि अगर आप मुझे मेरी पसंद का खिलौना लेकर ना दें तो मैं आपसे रूठ कर मुंह फेर कर बैठ जाउं । आपसे प्यार करता हूं, आपकी क्षमता पर मुझे विश्वास है साथ ही यह भी जानता हूं कि आप इस दिशा में सीधे हस्तक्षेप ना भी करें तब भी आपकी इस विषय में क्या राय है यही जान लेने में मेरी बात रह जायेगी।

आपका अधिक समय न लेते हुये तथा यह बताते हुए कि आपकी उपस्थिति से बिग बॉस की शोभा में चार चांद लग जाते है क्या आप मेरी बात मानते हुए निर्माता से कह कर एकाध दिन अपने लिये बिग बॉस के यहा नही बढवा सकते । मगर मै जानता हूं कि मेरे ऎसा कहने का कोई व्यक्तिगत उद्देश्य नही है ।

आपका एक छोटा सा प्रशसक
अभय शर्मा


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