आदरणीय भाईसाहब
सादर चरण स्पर्श
अभी-अभी डीएनए में आप पर लेख पढ़ा, यहां भी आपके विचार पढे, अच्छा लगा, जिस प्रकार की बातें आपने यहां पर या वहां कही पड्जकर मन को अच्छा लगा ।
विशेषकर जो आपने मां एवं बाबूजी के लिये कहा - मैं काम पर जाने के पहले तथा काम से आने के बाद कुछ क्षण उनके साथ बिताता था, मुझे उनका सहारा था, अंतिम दिनों में अधिक बातचीत न होने पर भी उनकी उपस्थिति ही मेरे लिये प्रेरणा का श्रोत थी ।
अपने अभिनय के प्रति जिस तरह का उल्लेख आपने यहां किया है उससे आपकी सादगी का पता चलता है, वास्तव में यह कहना कि जो भी अभिनय किया जाता है वह आपके निजी जीवन को नही दर्शाता, जो अभिनय किया जाता है, क्रमबद्ध अपने आप होता चला जाता है, फिर भी हम सभी यह बात स्पष्ट रूप से जानते है और मानते है कि हर कलाकार अपने अभिनय में एक जैसा नही होता, सबकी अपनी क्षमतायें है सबकी अपनी-अपनी कमियां या कमजोरियां होती है, आपके अभिनय में कोई कमी या कमजोरी तो देखने में नही आती तथापि हर फ़िल्म व्यावसायिक दृष्टि से हमेशा सफ़ल हो उसके मापदंड शायद कुछ अलग ही होते हैं , होते ही होंगे नही तो किस प्रकार एक फ़िल्म सफ़ल तो अन्य फ़िल्म को असफलता का मुंह देखना पड़ता है ।
चलिये 4 अक्टूबर से आप का नया कार्यक्रम बिग बॉस प्रारंभ होने जा रहा है, आपकी अपार सफ़लता के लिये भगवान से प्रार्थना है, हालांकि मेरी प्रार्थना की आप जैसे महान कलाकार को कोई आवश्यकता नही है तथापि आप से जिस प्रकार के प्रेम-संबंध यहां हम लोगों के बन गये है, आपकी सफ़लता में हम सबको विशेष हर्ष का अनुभव होगा । हमारी तो यही मनोकामना रहेगी कि इस विस्तारित परिवार के प्रमुख होने के नाते आपको हर कदम पर सफलता ही मिले इसीमें हमें सुख मिल सकता है । आपसे तो कई अपेक्षायें हम लोगों को सदा ही रहीं है आपके अभिनय को लेकर, आपने भी अधिकांश भाग में हम लोगों को निराश नही किया है इस बात का हमें अभिमान है। आपके कार्यक्रम कॊ विशेष सफलता मिलें इस आशा के साथ यह पत्र यही समाप्त कर आपसे आज्ञा चाहूंगा । आज से अमृत की अर्द्ध वार्षिक परीक्षायें शुरु हो गई हैं, ईश्वर उसको सफ़लता दे, पढ़ाई-लिखाई की ओर उसका ध्यान बना रहे, हमारे मध्य-वर्गीय परिवारों के लिये शिक्षा ही जीवन का सबसे उत्तम एवं जीवन यापन में सहायक एक समुचित सार्थक उपाय है ।
आपका अनुज
अभय शर्मा
पुनश्चः दिल्ली के ताज होटल में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन इस सप्ताह चल रहा है जिसका मुख्य विषय एटम के शांतिपूर्ण उपयोगो से संबंधित है, मुझे इसमें शरीक होने का अवसर नही मिल सका है तथापि अगर संभव हो तो आप एकाध दिन उसमें हो आयें कोई मास्क पहन कर चले जाना, नही तो आप जानते ही हो भाई कि क्या हो सकता है । चलॊ बाकी बातें फुर्सत में करते है, नव्या-अगस्त्य को मेरा प्यार तथा अमृत का सत्कार देना ।
सादर चरण स्पर्श
अभी-अभी डीएनए में आप पर लेख पढ़ा, यहां भी आपके विचार पढे, अच्छा लगा, जिस प्रकार की बातें आपने यहां पर या वहां कही पड्जकर मन को अच्छा लगा ।
विशेषकर जो आपने मां एवं बाबूजी के लिये कहा - मैं काम पर जाने के पहले तथा काम से आने के बाद कुछ क्षण उनके साथ बिताता था, मुझे उनका सहारा था, अंतिम दिनों में अधिक बातचीत न होने पर भी उनकी उपस्थिति ही मेरे लिये प्रेरणा का श्रोत थी ।
अपने अभिनय के प्रति जिस तरह का उल्लेख आपने यहां किया है उससे आपकी सादगी का पता चलता है, वास्तव में यह कहना कि जो भी अभिनय किया जाता है वह आपके निजी जीवन को नही दर्शाता, जो अभिनय किया जाता है, क्रमबद्ध अपने आप होता चला जाता है, फिर भी हम सभी यह बात स्पष्ट रूप से जानते है और मानते है कि हर कलाकार अपने अभिनय में एक जैसा नही होता, सबकी अपनी क्षमतायें है सबकी अपनी-अपनी कमियां या कमजोरियां होती है, आपके अभिनय में कोई कमी या कमजोरी तो देखने में नही आती तथापि हर फ़िल्म व्यावसायिक दृष्टि से हमेशा सफ़ल हो उसके मापदंड शायद कुछ अलग ही होते हैं , होते ही होंगे नही तो किस प्रकार एक फ़िल्म सफ़ल तो अन्य फ़िल्म को असफलता का मुंह देखना पड़ता है ।
चलिये 4 अक्टूबर से आप का नया कार्यक्रम बिग बॉस प्रारंभ होने जा रहा है, आपकी अपार सफ़लता के लिये भगवान से प्रार्थना है, हालांकि मेरी प्रार्थना की आप जैसे महान कलाकार को कोई आवश्यकता नही है तथापि आप से जिस प्रकार के प्रेम-संबंध यहां हम लोगों के बन गये है, आपकी सफ़लता में हम सबको विशेष हर्ष का अनुभव होगा । हमारी तो यही मनोकामना रहेगी कि इस विस्तारित परिवार के प्रमुख होने के नाते आपको हर कदम पर सफलता ही मिले इसीमें हमें सुख मिल सकता है । आपसे तो कई अपेक्षायें हम लोगों को सदा ही रहीं है आपके अभिनय को लेकर, आपने भी अधिकांश भाग में हम लोगों को निराश नही किया है इस बात का हमें अभिमान है। आपके कार्यक्रम कॊ विशेष सफलता मिलें इस आशा के साथ यह पत्र यही समाप्त कर आपसे आज्ञा चाहूंगा । आज से अमृत की अर्द्ध वार्षिक परीक्षायें शुरु हो गई हैं, ईश्वर उसको सफ़लता दे, पढ़ाई-लिखाई की ओर उसका ध्यान बना रहे, हमारे मध्य-वर्गीय परिवारों के लिये शिक्षा ही जीवन का सबसे उत्तम एवं जीवन यापन में सहायक एक समुचित सार्थक उपाय है ।
आपका अनुज
अभय शर्मा
पुनश्चः दिल्ली के ताज होटल में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन इस सप्ताह चल रहा है जिसका मुख्य विषय एटम के शांतिपूर्ण उपयोगो से संबंधित है, मुझे इसमें शरीक होने का अवसर नही मिल सका है तथापि अगर संभव हो तो आप एकाध दिन उसमें हो आयें कोई मास्क पहन कर चले जाना, नही तो आप जानते ही हो भाई कि क्या हो सकता है । चलॊ बाकी बातें फुर्सत में करते है, नव्या-अगस्त्य को मेरा प्यार तथा अमृत का सत्कार देना ।
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